जनरल रावत की मौत का बदला (भाग-2)
सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी , दिन पर दिन बढ़ती जाती ;
क्योंकि रक्षक बन रहे हैं भक्षक,कानून व्यवस्था घटती जाती ।
भ्रष्टाचार की काली-चादर , जल – थल – नभ में फैली है ;
अब्बासी – हिंदू जितने नेता हैं , सबकी नीयत मैली है ।
सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ , हिंदू को भी कुछ करना होगा ;
धर्म-सनातन में आना होगा , वरना बेमौत ही मरना होगा ।
दोनों – मार्ग खुले हैं आगे , जीवन का व मृत्यु का ;
शाश्वत-जीवन “धर्म-सनातन” , महाकाल है मृत्यु का ।
जिसने भी धर्म-सनातन छोड़ा , दुष्टों के चक्कर में आया ;
कायर तो बन गया सेक्युलर , अब्बासी-हिंदू ने भरमाया ।
धर्म का शासन जब-जब मिटता , जंगलराज आ जाता है ;
धोखा देने में सबसे-माहिर जो , सत्ता को हथियाता है ।
अंधेर नगरी – चौपट राजा , सब कुछ नष्ट-भ्रष्ट कर देता ;
बढ़ा हुआ उसका लोभ-लालच , पूरा-देश नर्क कर देता ।
कोढ़ में खाज भी हो जाती है , चरित्रहीनता बढ़ जाती है ;
चरित्रहीन जब राजा होता , मानवता मिट जाती है ।
हिंदू-धर्म नष्ट करने को , राक्षस बैठे हैं अपना मुॅंह बाये ;
अब्बासी-हिंदू नेता को पाकर , तरह-तरह के दांव चलाये ।
जाने कितने मंदिर लूटे ? और न जाने कितने टूटे ?
राम-मंदिर तक भ्रष्ट कर दिया, हिंदू ! क्यों तेरे भाग्य ही फूटे ?
अपना-भाग्य संवारो हिंदू ! धर्म-मार्ग पर आना होगा ;
शत्रु-बोध को जाग्रत करके , अपनी रक्षा करना होगा ।
कानून का शासन पाना होगा , अच्छी-सरकार बनाना होगा ;
ईवीएम हटाना होगा , निष्पक्ष – चुनाव कराना होगा ।
सुप्रीम कोर्ट है न्याय का रक्षक , न्याय का शासन आयेगा ;
निष्पक्ष-चुनाव सुनिश्चित होगा , ईवीएम भी हट जायेगा ।
जनरल रावत की मौत का बदला , भारतवर्ष को लेना होगा ;
कर्तव्यनिष्ठ जो धर्मनिष्ठ हो , ऐसी सरकार बनाना होगा ।
दुर्घटना की गहन-जाॅंच हो , कोई भी पहलू न छूटे ;
जनरल रावत हैं देश के हीरो , दुश्मन के सदा पसीने छूटे ।
धर्म के दुश्मन – देश के दुश्मन , पूरे-भारत में भरे पड़े हैं ;
इनको पूरी तरह हराना , जो भी चुनाव में खड़े हुये हैं ।
एक ही दल ये कर सकता है , “एकम् सनातन भारत” दल है ;
“धर्म-सनातन” के शासन में , सभी समस्याओं का हल है ।