नंगा तो हरदम चंगा है
कष्टों के सागर में देश है डूबा , कोई कैसे हॅंस सकता है ?
अब्बासी-हिंदू है देश का दुश्मन , अट्टहास कर सकता है ।
भारत के कष्टों से इसे न मतलब , बड़ा मतलबी-यार है ;
जब तक सत्ता सुख भोगेगा , तब तक का ही यार है ।
सारे संसाधन लूटा करता , अपनी अय्याशी पर लुटवाता है ;
पूरी दुनिया में घूम-घूम कर , भारत का मखौल उड़वाता है ।
आगे सदा कैमरा रखता , बाथरूम का नंबर है ;
नंगा तो हरदम चंगा है , क्या बाहर क्या अंदर है ?
जीते-जी अपनी आंखों से , अपनी शव-यात्रा तक देखेगा ;
बहुत – बड़ी नौटंकी होगी , जीते-जी ये कर जायेगा ।
बॉलीवुड इसकी मुट्ठी में , पूरी शूटिंग करवायेगा ;
धूमधाम से शव-यात्रा हो , जी भरके उसको देखेगा ।
ऐसा कोई कैमरा-प्रेमी , अब कभी न दुनिया में आयेगा ;
न भूतो न भविष्यति , न आया है न आयेगा ।
मेगालोमीनिया का रोगी है , आत्ममुग्धता कहते हैं ;
स्टॉकहोम सिंड्रोम से पीड़ित , जिसको जिम्मीपन कहते हैं ।
दुनिया का नंबर एक है झूठा , सौ-प्रतिशत ये झूठ बोलता ;
लफ्फाजी व जुमलेबाजी , हरदम हिंदू को धोखा देता ।
महामूर्ख जितने हैं हिंदू , इसके फंदे में फंसे हुये हैं ;
चंदे का काला – धंधा है , उद्दापन से डंसे हुये हैं ।
पूरे-भारत को लूट-लूट कर , बेशुमार – दौलत हथियायी ;
अपने ऊपर लुटा रहा है , प्रेस-मीडिया की बन आयी ।
दिनभर इसकी झूठी-खबरें , तरह-तरह की फोटो हैं ;
सारे – दर्शक ऊब चुके हैं , रिमोट दब रहा ऑटो है ।
बुद्धिमान जितने हिंदू हैं , सोशल-मीडिया देख रहे हैं ;
सच्ची – खबरें पा जाते हैं , झूठ के पर्दे फाड़ रहे हैं ।
संसद का चुनाव चल रहा , अब्बासी-हिंदू है सबसे पीछे ;
नीचे और नीचे खिसक रहा है , खिसकेगा अब सबसे नीचे ।
ईवीएम से किसको खतरा ? लोकतंत्र जो है भारत का ;
ये खतरा भी टल जायेगा , सौभाग्य जगा है भारत का ।
बेईमान नेता व अफसर , जो भी हैं सरकारी – हिंदू ;
उनको भी डर सता रहा है , हार न जाये अब्बासी-हिंदू ।
इसके भाग्य का जो दीपक है , बहुत शीघ्र बुझने वाला है ;
जो भी इसके जहाज में बैठा , वो भी डूबने वाला है ।
इसके जहाज को जो छोड़ेगा , वो निश्चित बच जायेगा ;
जो भी इसके साथ रहेगा , दोनों जहान से जायेगा ।