ये नृशंस – अपराधी है , काले – धन का व्यापारी है ;
अब्बासी-हिंदू देश का दुश्मन , देश लूटने की तैयारी है ।
ये दुश्मन – देशों का दलाल है , देश मिटाने आया है ;
अरब – अमेरिका की साजिश से , ये सत्ता में आया है ।
प्रचार तंत्र पूरा कब्जे में , प्रेस , मीडिया और अखबार ;
अरबों-खरबों का विज्ञापन , कर दिया उन्हें एकदम बेकार ।
हिंदू-जनता को लूट रहा है , खुले-आम अब्बासी-हिंदू ;
पर म्लेच्छों को डर के मारे , जरिया देता अब्बासी-हिंदू ।
म्लेच्छों के दो-दो बाप जबर हैं , अमेरिका व अरब-देश ;
अब्बासी – हिंदू बना पालतू , मान रहा उनके आदेश ।
उनका पहला आदेश यही है , हिंदू – धर्म मिटाना है ;
हिंदू – धर्म मिटेगा ज्योंही , गजवायेहिंद छा जाना है ।
धर्मान्तरण करना हिंदू का , म्लेच्छों का आदेश-खुदाई है ;
अब्बासी-हिंदू भी म्लेच्छ है पूरा , अपनी पहचान छुपाई है ।
“रिवर्स – मार्केटिंग” के द्वारा , राजनीति को कब्जाया ;
हिंदू-जनता को मूर्ख बनाकर , खुद को हृदय-सम्राट बनाया ।
अब्बासी-हिंदू के मकड़ जाल में,देश का सिस्टम फंसा हुआ है;
लोकतंत्र का प्रत्येक-खंभा , इस काले-नाग से डंसा हुआ है ।
झूठे-इतिहास की गंदी-शिक्षा , खतरे में पूरे-देश की रक्षा ;
अग्निवीर से सेना आहत , पुलिस करे गुंडो की रक्षा ।
गुंडो को पूरी खुली-छूट है , चाहे जो उत्पात करें ;
शाहीन – बाग की गुंडागर्दी , चाहें रोड को जाम करें ।
दंगा करने की आजादी , धार्मिक-जुलूस पर पत्थर बाजी ;
हिंदू ! पूरी तरह फंसा है , लफ्फाजी व जुमले बाजी ।
तिलक – त्रिपुंड का झांसा देकर , हिंदू के मंदिर तुड़वाता ;
हिंदू – तीर्थों को गंदा करके , म्लेच्छों का धंधा चमकाता ।
दसियों – हजार मंदिरों को तोड़ा , म्लेच्छों से तुड़वाता है ;
“राम-मंदिर” भी भ्रष्ट कर दिया , विकृत धर्म कराता है ।
अबकी बार जो सत्ता पाया , हिंदू – धर्म मिटा देगा ;
यदि हिंदू ! अब भी नहीं जगा तो , गजवायेहिन्द करा देगा ।
हिंदू अब तक अज्ञान में सोया, क्या मौत की नींद में सोना है ?
यदि हिंदू ! ऐसा नहीं चाहता , तो अच्छी-सरकार बनाना है ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , अब्बासी-हिंदू का जेबी-दल है ;
इनको मटियामेट कर सके , ऐसा तो एकमात्र हिंदू-दल है ।
“एकम् सनातन भारत” दल ही , अनाचार को नष्ट करेगा ;
सारे अत्याचार मिटाकर , “राम-राज्य” का कार्य करेगा ।